Bihar Aviation : उड़ान योजना में शामिल होने के बाद सहरसा के हवाई अड्डे को फिर से विकसित करने की प्रक्रिया अब तेज होती दिखाई दे रही है. सरकार ने विभिन्न टीमों की जांच-पड़ताल के बाद रनवे विस्तार के लिए 12.08891 एकड़ अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. इस जमीन के लिए 147 करोड़ 76 लाख 56 हजार 180 रुपये की अनुमानित मुआवजा राशि तय की गई है.
पिछले महीने ओएलएस सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है और अब सामाजिक सर्वेक्षण के लिए पटना से विशेष टीम भेजी जाएगी. अधिकारियों का मानना है कि इन औपचारिकताओं के बाद धरातल पर काम शुरू हो सकेगा और अगले वर्ष सहरसा से हवाई सेवा शुरू होने की संभावना मजबूत है.
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19 सीटर विमान सेवा की योजना, लेकिन स्थानीय नाराजगी भी
हवाई अड्डे से प्रारंभिक चरण में 19 सीटर विमान उड़ाने की तैयारी है. इससे सहरसा तथा आसपास के लोगों को रेल और सड़क के साथ एक नया हवाई विकल्प भी मिल जाएगा. न सिर्फ यात्रा का समय कम होगा, बल्कि आपात स्थिति में यह सेवा मरीजों के लिए जीवनदायक साबित हो सकती है.
हालांकि, लोगों में यह नाराजगी है कि लंबे समय से घोषणा के बावजूद वास्तविक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ. दरभंगा और पूर्णिया जैसे नजदीकी जिलों में नियमित हवाई सेवा शुरू हो चुकी है, लेकिन सहरसा की परियोजना अब भी प्रतीक्षा में है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी उम्मीदें अभी भी अधूरी हैं.
जमीन अधिग्रहण में रफ्तार नहीं, चुनावी व्यस्तता बनी कारण
उड़ान योजना में चयनित होने के बाद भी सहरसा एयरपोर्ट पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जिला प्रशासन व्यस्त होने के कारण काम आगे नहीं बढ़ सका.
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि हवाई सुविधा शुरू होने से नेपाल सीमा के नजदीकी क्षेत्रों के लोग भी इसका लाभ उठा सकेंगे. इसलिए वे उम्मीद कर रहे थे कि विस्तार कार्य तेजी से शुरू होगा, लेकिन फिलहाल स्थिति अनिश्चितता में है.
एयरपोर्ट की हालत बदहाल, वॉकिंग ट्रैक और मवेशियों का जमावड़ा
प्रशासनिक कार्यालयों और अधिकारियों के आवास के बीच स्थित सहरसा हवाई अड्डा इस समय अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है. यह जगह अब मार्निंग वॉक, ड्राइविंग सीखने और पुलिस भर्ती दौड़ लगाने वालों का केंद्र बन चुकी है.
केवल तब ही प्रशासन सक्रिय दिखाई देता है जब किसी मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री का कार्यक्रम जिले में होता है. ऐसे मौके पर साफ-सफाई और रनवे की मरम्मत तत्काल की जाती है, लेकिन कार्यक्रम खत्म होते ही हवाई अड्डा फिर उपेक्षा की स्थिति में लौट जाता है. दिनभर मवेशियों का जमावड़ा इसकी दुर्दशा का प्रतीक बना हुआ है.
स्थानीय लोगों की एक ही मांग है — वर्षों से उपेक्षित इस एयरपोर्ट का जल्द से जल्द विकास हो.
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