Grap 4 Restrictions : राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर मोड़ ले लिया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार रविवार 14 दिसंबर को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 460 से ऊपर दर्ज किया गया. बीते कुछ दिनों से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और हवा में मौजूद जहरीले कण लोगों की सेहत पर सीधा असर डाल रहे हैं.
ठंड बढ़ने के साथ हवा की रफ्तार थम गई है. नतीजतन धूल, धुआं और अन्य प्रदूषक कण वातावरण में ही फंसे हुए हैं. सुबह और रात के समय स्मॉग की परत और गहरी हो जाती है, जिससे दृश्यता घट रही है और सांस लेना मुश्किल हो गया है. दीपावली के बाद से ही राजधानी की हवा लगातार खराब बनी हुई है.
GRAP-4 के तहत सख्त पाबंदियां
प्रदूषण की गंभीर स्थिति को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने GRAP-4 लागू कर दिया है. इस चरण में सभी निर्माण और तोड़फोड़ के कार्य रोक दिए गए हैं. ईंट-भट्ठों और माइनिंग गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है. बाहरी राज्यों से आने वाले भारी वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है, ताकि प्रदूषण को और बढ़ने से रोका जा सके.
स्कूल बंद करने पर भी विचार
GRAP-4 को स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति माना जाता है. ऐसे में प्रशासन के पास स्कूलों को बंद करने और ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का विकल्प मौजूद है. जरूरत पड़ने पर सरकारी और निजी दफ्तरों में वर्क फ्रॉम होम लागू किया जा सकता है. हालात की समीक्षा लगातार की जा रही है.
बच्चों और बुजुर्गों पर ज्यादा असर
चिकित्सकों के अनुसार, प्रदूषित हवा बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है. बच्चों के फेफड़ों के विकास पर असर पड़ता है, जबकि PM2.5 जैसे सूक्ष्म कण सांस की गंभीर परेशानी पैदा करते हैं. बुजुर्गों में अस्थमा, सांस की बीमारी और हृदय संबंधी जोखिम बढ़ जाता है.
फिलहाल राहत के आसार नहीं
मौसम विभाग का कहना है कि जब तक हवा की गति नहीं बढ़ती या मौसम में बदलाव नहीं होता, तब तक प्रदूषण से राहत मिलना मुश्किल है. आने वाले कुछ दिन भी राजधानी के लिए चुनौतीपूर्ण बने रह सकते हैं.
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