Bihar News: राज्य सरकार ने बिहार को नवीकरणीय ऊर्जा आधारित औद्योगिक राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में नीति स्तर पर कदम तेज कर दिए हैं. उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि भविष्य की औद्योगिक जरूरतों को देखते हुए सौर ऊर्जा और ऊर्जा भंडारण को विकास की मुख्य धारा में शामिल किया जा रहा है. इसी उद्देश्य से हाल ही में सौर ऊर्जा और स्टोरेज विषय पर एक विशेष संगोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें नीति, निवेश और तकनीक पर विस्तार से चर्चा हुई.
रोजगार सृजन और निवेश सरकार की प्राथमिकता
राज्य सरकार का फोकस ऐसे औद्योगिक मॉडल पर है, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा हो सके. मुख्यमंत्री के सात निश्चय-3 कार्यक्रम के तहत समृद्ध उद्योग, सशक्त बिहार की अवधारणा को लागू किया जा रहा है. उद्योग विभाग का मानना है कि स्वच्छ ऊर्जा आधारित उद्योगों से उत्पादन लागत घटेगी और निवेशकों के लिए बिहार अधिक आकर्षक बनेगा.
पांच वर्षों में 50 लाख करोड़ रुपये निवेश का लक्ष्य
बिहार सरकार ने अगले पांच साल में राज्य में 50 लाख करोड़ रुपये तक के निजी निवेश को आकर्षित करने का लक्ष्य तय किया है. छोटे और मध्यम उद्योगों को मजबूती देने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम निदेशालय की भूमिका बढ़ाई गई है. साथ ही स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने के लिए बिहार विपणन प्रोत्साहन निगम के माध्यम से नई रणनीति अपनाई जा रही है.
बढ़ती बिजली मांग के लिए सौर ऊर्जा सबसे उपयुक्त
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अनुसार उद्योग, कृषि और शहरी विकास के कारण राज्य में बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है. आकलन है कि वर्ष 2034-35 तक बिहार को करीब 18 हजार मेगावाट बिजली की आवश्यकता होगी. साल के अधिकांश दिनों में पर्याप्त धूप मिलने से सौर ऊर्जा इस मांग को पूरा करने का टिकाऊ विकल्प बनकर उभर रही है.
नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2024 से बढ़ा भरोसा
राज्य की नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2024 के तहत सोलर पावर प्लांट, रूफटॉप सोलर सिस्टम, कैप्टिव पावर यूनिट और ऊर्जा भंडारण परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है. संगोष्ठी में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि स्पष्ट नीति और सुविधाजनक निवेश माहौल से बिहार आने वाले वर्षों में ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में मजबूत पहचान बना सकता है.
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