Bihar Police News: बिहार के पुलिस महानिदेशक(DGP) विनय कुमार ने रीलबाज पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर रील बनाने में अपनी ऊर्जा बर्बाद न करें. उनका मुख्य उद्देश्य जनता की समस्याओं का समाधान करना और राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखना है. डीजीपी ने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और उससे जुड़ी संवेदनशीलता को देखते हुए राज्यभर के पुलिस अधिकारियों के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
इन निर्देशों के तहत राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों और उनसे वरिष्ठ अधिकारियों को साफ तौर पर कहा गया है कि कोई भी पुलिसकर्मी वर्दी में अपनी तस्वीर या वीडियो निजी सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट नहीं करेगा. इसके अलावा, व्यक्तिगत हैंडल से किसी भी आधिकारिक गतिविधि, कार्रवाई या विभागीय जानकारी साझा करने पर भी पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
वर्दी में रील से पुलिस की छवि पर पड़ रहा असर
डीजीपी(DGP) ने यह भी माना कि बीते कुछ समय में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब खाकी वर्दी में बनाए गए रील और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. ऐसे वीडियो से न केवल पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हुए, बल्कि विभाग की छवि को भी नुकसान पहुंचा. इन्हीं कारणों से डीजीपी विनय कुमार ने सख्ती दिखाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वर्दी की गरिमा से किसी भी स्तर पर समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
अपराध और युवाओं को लेकर भी जताई चिंता
अपराध की स्थिति पर बोलते हुए डीजीपी(DGP) ने कहा कि बिहार में अपराध के मामलों में कमी जरूर आई है, लेकिन हर अपराध पुलिस के लिए गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने बताया कि डायल 112 की टीम औसतन 13 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच रही है, जो पुलिस की तत्परता को दर्शाता है.
युवाओं को लेकर डीजीपी(DGP) ने कहा कि 2045 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका सबसे अहम होगी, लेकिन नशे की बढ़ती लत चिंता का विषय है. हालांकि, इस दिशा में नारकोटिक्स विभाग सक्रिय है और नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.
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