Bhagalpur News : बिहार के भागलपुर में लोगों की उम्मीदों के बीच जिस सड़क चौड़ीकरण योजना को लेकर महीनों से तैयारी चल रही थी, उस पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. पथ निर्माण विभाग ने निर्धारित किया था कि फोरलेन सड़क का काम 24 महीनों में पूरा कराया जाएगा, लेकिन तकनीकी स्वीकृति नहीं मिलने से पूरी परियोजना रुक गई है.
चुनाव आचार संहिता लागू होने से कुछ दिन पहले इस परियोजना का शिलान्यास जल्दबाजी में दुर्गा पूजा पंडाल में ही कर दिया गया था, ताकि औपचारिक शुरुआत दिखाई जा सके. इसके बाद लगातार गति से टेंडर प्रक्रिया चलाई गई, लेकिन स्वीकृति न मिलने के कारण इसे अंतिम रूप देना संभव नहीं हुआ और अंततः निविदा को रद्द करना पड़ा.
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ढाई महीने टेंडर में अटका प्रोजेक्ट, शुरुआत और दूर हो गई
फोरलेन निर्माण के लिए ढाई महीने तक निविदा प्रक्रिया चलती रही — तारीखें बढ़ीं, प्रस्ताव बुलाए गए, पर काम फाइनल नहीं हो पाया.
अब विभाग का कहना है कि TS तैयार कर स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है.
अनुमोदन मिलते ही टेंडर फिर से जारी होगा और उसके बाद निर्माण एजेंसी का चयन किया जाएगा.
हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार
तकनीकी स्वीकृति मिलने में समय लग सकता है,
स्वीकृति के बाद टेंडर और एग्रीमेंट में तीन महीने और लगेंगे,
इसलिए भूमि पर काम शुरू होने में करीब छह महीने की देरी तय मानी जा रही है.
प्रोजेक्ट पूरा होने पर यातायात को बड़ी राहत
फोरलेन के निर्माण पर 1 करोड़ 1 लाख रुपये खर्च होने हैं, और निर्माण एजेंसी को काम पूरा होने के बाद पांच साल तक सड़क की नियमित मरम्मत और देखरेख अनिवार्य रूप से करनी होगी.
लोगों और व्यवसायियों को उम्मीद थी कि भागलपुर–कोतवाली रूट पर जाम की समस्या काफी कम होगी और आवागमन तेज़ हो जाएगा, लेकिन मौजूदा स्थिति में यह लाभ अभी दूर दिखाई दे रहा है.
लोहिया पुल–अलीगंज फोरलेन के लिए टीएस को मिली मंजूरी
उसके मुकाबले लोहिया पुल से अलीगंज फोरलेन परियोजना को तकनीकी स्वीकृति मिल गई है, इसलिए उसका टेंडर रद्द नहीं होगा.
इस मार्ग पर बिजली पोल और तार हटाने के लिए एस्टिमेट लगभग तैयार है और विभाग जल्द इसे लागू करेगा.
वहीं भागलपुर–अगरपुर–कोतवाली फोरलेन के लिए भी बिजली पोल शिफ्टिंग का एस्टिमेट तैयार किया जा रहा है, ताकि अनुमति मिलते ही मैदान तैयार हो सके.
बोले अधिकारी
“भागलपुर–अगरपुर–कोतवाली फोरलेन परियोजना को तकनीकी स्वीकृति नहीं मिली थी, इसलिए टेंडर रद्द किया गया. टीएस भेज दी गई है, स्वीकृति मिलते ही निविदा दोबारा जारी कर एजेंसी चुनी जाएगी.”
— अरविंद गुप्ता, कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण विभाग, भागलपुर
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