Bhagalpur News : मंगलवार को अधीक्षक डॉ. अविलेश कुमार सुबह से ही अस्पताल परिसर में सक्रिय दिखे. सबसे पहले उन्होंने ओपीडी की व्यवस्था देखी, जहां मरीजों की भीड़, टोकन व्यवस्था, और चिकित्सकों की उपस्थिति की स्थिति को जांचा. उन्होंने मरीजों से बातचीत कर सेवा की गुणवत्ता पर प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया भी ली.
इसके बाद निरीक्षण का दायरा सेंट्रल लैब तक पहुंचा. यहां मशीनों की कार्यक्षमता, रिपोर्टिंग स्पीड, और स्टाफ की तैनाती का जायजा लेते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि रिपोर्ट समय पर उपलब्ध कराई जाए.
इसी क्रम में वे इंडोर वार्ड पहुंचे, जहां उन्होंने बेड की उपलब्धता, सफाई व्यवस्था, और नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी स्थिति का परीक्षण किया. मरीजों से यह भी पूछताछ की गई कि इलाज और दवाई संबंधी समस्याएं तो नहीं हैं.
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आईसीयू में जाकर उन्होंने गंभीर मरीजों की निगरानी प्रणाली, वेंटिलेटर की कार्यप्रणाली और चिकित्सा टीम की तत्परता का मूल्यांकन किया.
एमआरआई और सीटी स्कैन सेंटर में उपकरणों की स्थिति, मशीनों के डाउन-टाइम और मरीजों को मिलने वाली रिपोर्ट में देरी को लेकर भी उन्होंने जानकारी ली.
डायलिसिस यूनिट में मिले सुधार के संकेत, जल्द बढ़ेंगे बेड
अंत में निरीक्षण दल डायलिसिस यूनिट पहुंचा. वर्तमान में अस्पताल में 10 बेड पर नियमित डायलिसिस किया जा रहा है. अधीक्षक ने हर बेड की कार्यस्थिति, पानी की गुणवत्ता, मशीनों की सर्विसिंग और टेक्नीशियन की उपलब्धता को विस्तार से चेक किया.
बढ़ती मरीज संख्या को देखते हुए उन्होंने बताया कि अस्पताल जल्द ही चार और डायलिसिस बेड जोड़ने जा रहा है. इससे क्षमता बढ़कर 14 बेड हो जाएगी.
अधीक्षक ने यह भी कहा कि नए बेड लगने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और इमरजेंसी मरीजों की सेवा और तेज होगी.
सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक की बंद लिफ्टों में फिर से जान फूंकी जाएगी
अस्पताल में मौजूद छह लिफ्टें लंबे समय से बंद थीं, जिसके कारण मरीजों, परिजनों और स्टाफ को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
अब केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने करीब 7 लाख रुपये की लागत से इन लिफ्टों की मरम्मत का रास्ता साफ कर दिया है.
पहले इस मरम्मत का अनुमानित खर्च लगभग 70 लाख रुपये बैठ रहा था, जिस कारण फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही थी. लेकिन विभाग ने एक नए तकनीकी प्रस्ताव पर सहमति देकर लागत को कम कर दिया, जिससे अब काम संभव हो गया है.
उपाधीक्षक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि विभाग की मौखिक अनुमति मिल चुकी है और लिखित स्वीकृति मिलते ही मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा. लिफ्ट चालू होने के बाद मरीजों को स्ट्रेचर या व्हीलचेयर लेकर मंजिलों के बीच आवाजाही में भारी राहत मिलेगी.
अमृत फार्मेसी को 24×7 खोलने की प्रक्रिया शुरू
अस्पताल प्रशासन अब दवाओं की उपलब्धता को लेकर भी सख्त हो गया है.
मायागंज अस्पताल में मौजूद अमृत फार्मेसी को पूरी तरह 24 घंटे और सातों दिन चालू रखने की तैयारी शुरू कर दी गई है.
अधीक्षक ने बताया कि मरीजों की दवा जरूरतें रात में भी बढ़ जाती हैं, खासकर शुगर, हाइपरटेंशन, किडनी और हृदय रोगियों के मामलों में. इसलिए फार्मेसी संचालकों को जल्द ही पत्र भेजकर उनसे राउंड-द-क्लॉक सेवा सुनिश्चित करने को कहा जाएगा.
उन्होंने कहा कि 24×7 फार्मेसी शुरू होने के बाद मरीजों को बाहर महंगी दवाएं खरीदने की मजबूरी कम होगी और यह सेवा अस्पताल की बड़ी आवश्यकता को पूरा करेगी.
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