Delhi Car Blast : दिल्ली बम धमाके की जांच में पुलिस को एक और अहम सुराग मिला है. फरीदाबाद स्थित सेकेंड हैंड कार विक्रेता कंपनी रॉयल कार जोन के डीलर अमित पटेल से पुलिस पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि उन्होंने उस हुंडई आई-20 कार की बिक्री में भूमिका निभाई थी, जिसका इस्तेमाल सोमवार (10 नवंबर) को लाल किले के पास हुए विस्फोट में किया गया था. दिल्ली पुलिस ने आसपास के राज्यों में भी पुराने कार विक्रेताओं से हालिया लेनदेन का ब्योरा मांगा है.
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पुलिस कर रही हर कड़ी की जांच
#WATCH | Faridabad, Haryana | Amit Patel, Dealer at Royal Car Zone, a firm selling second-hand cars, which also sold the car involved in the Red Fort bomb blast, says, "… On 29 October, our staff member Sonu was contacted. Two people came to see the i-20 car, they liked it,… pic.twitter.com/1mzCxas1Nq
— ANI (@ANI) November 12, 2025
न्यून एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि आई-20 कार आखिर कैसे संदिग्धों के हाथों तक पहुंची. जांच दल वाहन के स्वामित्व की पूरी श्रृंखला खंगाल रहा है. पुलिस को अल-फलाह यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उमर नबी पर शक है कि धमाके के वक्त वही कार चला रहे थे. जांच टीम ने डीलरशिप के दस्तावेज, बैंक लेनदेन और सीसीटीवी फुटेज को जब्त कर लिया है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कार शोरूम में कौन लेकर आया और आमिर राशिद व उमर नबी के बीच संपर्क कैसे बना.
कार डीलर ने बताई बिक्री की कहानी
डीलर के अनुसार, “29 अक्टूबर को दो ग्राहक कार देखने आए थे. उन्हें आई-20 पसंद आई, भुगतान किया और उसी दिन कार ले गए. खरीददारों में से एक का नाम आमिर राशिद था, जबकि दूसरे व्यक्ति का नाम पता नहीं चला. कार आमिर राशिद के नाम पर पंजीकृत हुई थी.”
डीलर ने आगे बताया कि “धमाके वाले दिन हमारे स्टाफ सदस्य सोनू को दिल्ली पुलिस की टीम ने कॉल किया और दस्तावेज तैयार रखने को कहा. उसी रात टीम पहुंची और हमने सभी पेपर और सीसीटीवी फुटेज सौंप दिए. हमें बाद में पता चला कि आमिर राशिद की आईडी पुलवामा की है.”
पुलिस ने तेज की जांच, सभी डीलरों से रिपोर्ट मांगी
लाल किले के पास धमाके के बाद दिल्ली पुलिस ने शहर के 15 जिलों के डीसीपी और सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने इलाकों के कार विक्रेताओं से संपर्क करें और हालिया गाड़ियों की बिक्री की जांच करें. पुलिस विशेष रूप से दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के खरीदारों के दस्तावेज खंगाल रही है. अधिकारियों को हर उस सौदे की पड़ताल करने के निर्देश मिले हैं, जो संदिग्ध या असामान्य लगे.
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह नेटवर्क केवल वाहन तक सीमित नहीं, बल्कि संभवतः एक बड़े मॉड्यूल से जुड़ा हुआ है. मामले में कई और खुलासों की उम्मीद की जा रही है.(इनपुट भाषा)
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