Genghis Khan : चंगेज खान—यह नाम सुनते ही इतिहास के सबसे भयावह और निर्मम शासकों की छवि उभर आती है. उसके बारे में प्रचलित कथाएं उसे एक ऐसे विजेता के रूप में पेश करती हैं, जिसने रक्तपात और आतंक के सहारे आधी दुनिया को रौंद दिया. लेकिन इतिहास का यह अध्याय सिर्फ क्रूरता तक सीमित नहीं है. सवाल यह उठता है कि अगर चंगेज खान केवल एक निर्दयी हत्यारा था, तो फिर उसने दुनिया का सबसे बड़ा जुड़ा हुआ साम्राज्य कैसे खड़ा किया? दरअसल, उसकी सत्ता केवल तलवार पर नहीं, बल्कि ऐसी शासन व्यवस्थाओं पर भी टिकी थी, जो अपने समय से कहीं आगे थीं.
कौन था चंगेज खान?
चंगेज खान मंगोलों का शासक था. मंगोल मध्य एशिया के घास के मैदानों और मरुस्थलीय इलाकों में रहने वाले खानाबदोश लोग थे. आज का मंगोलिया, जिसकी सीमाएं चीन और रूस से मिलती हैं, उसी क्षेत्र में मंगोलों का निवास था. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों ने मंगोलों के जीवन को शुरू से ही संघर्षपूर्ण बना दिया था.
इतिहासकारों के अनुसार चंगेज खान का जन्म 1155 से 1167 के बीच हुआ माना जाता है. उसके पिता मंगोलों के एक प्रभावशाली सरदार थे. चंगेज खान का बचपन का नाम तेमुजिन था. लेकिन जब वह महज आठ वर्ष का था, तभी उसके पिता की मृत्यु हो गई. पिता के जाते ही उसके परिवार को कबीले से निकाल दिया गया. इस घटना ने उसके जीवन को पूरी तरह बदल दिया. उसकी मां के सामने अपने बच्चों का पालन-पोषण करना एक बड़ी चुनौती बन गया.
संघर्षों में ढला शासक
बचपन से ही तेमुजिन ने अपमान, भूख और असुरक्षा को बेहद करीब से देखा. वह महत्वाकांक्षी था और अपने पिता की खोई हुई विरासत को वापस पाना चाहता था. इसी लक्ष्य के साथ उसने अलग-अलग मंगोल कबीलों को एकजुट करने की कोशिश शुरू की. सत्ता और प्रभाव की लड़ाई इतनी निर्मम थी कि उसने मात्र 10–12 वर्ष की उम्र में अपने सौतेले बड़े भाई की हत्या कर दी.
संघर्ष के दिनों में चंगेज खान को दुश्मन कबीलों के यहां गुलाम बनकर भी रहना पड़ा. इन्हीं कठिन परिस्थितियों में उसने धैर्य, सहनशीलता और रणनीति सीखी. कहा जाता है कि उसे कुत्तों से बेहद डर लगता था और वह उनके सामने रोने लगता था, लेकिन जीवन की चुनौतियों से जूझते-जूझते वही डरपोक बालक आगे चलकर ऐसा शासक बना, जिसने अपने दुश्मनों को भय से कांपने पर मजबूर कर दिया.
क्या चंगेज खान सिर्फ एक क्रूर विजेता था?
आम धारणा यही है कि चंगेज खान एक निर्दयी शासक था, जिसने अपने शत्रुओं का बेरहमी से संहार किया, महिलाओं के साथ अत्याचार किए और विशाल हरम बनाकर उन्हें अमानवीय हालात में रखा. लेकिन इस छवि पर कुछ इतिहासकार सवाल भी उठाते हैं.
“Genghis Khan and the Making of the Modern World” पुस्तक के लेखक जैक वेदरफोर्ड के अनुसार, चंगेज खान निस्संदेह अपने दुश्मनों के लिए क्रूर था, लेकिन अपने लोगों के लिए उसने ऐसी व्यवस्थाएं बनाईं, जो उस दौर में असाधारण थीं. उसने मंगोल कबीलों को एक सूत्र में बांधा और साम्राज्य को चीन से लेकर यूरोप तक फैला दिया.
उसने योग्यता के आधार पर पद देने की परंपरा शुरू की, टैक्स प्रणाली को व्यवस्थित किया और सिल्क रोड को सुरक्षित बनाकर व्यापार को बढ़ावा दिया. इन नीतियों ने उसके साम्राज्य को केवल सैन्य शक्ति ही नहीं, बल्कि आर्थिक मजबूती भी दी.
महिलाओं के प्रति रवैया: सच्चाई का कड़वा पहलू
महिलाओं के सवाल पर चंगेज खान का इतिहास बेहद विवादास्पद और असहज करने वाला है. प्राचीन और मध्यकालीन सभ्यताओं में युद्ध के बाद महिलाओं को अक्सर लूट की वस्तु माना जाता था. उनकी इच्छा, सम्मान और अधिकारों को कोई महत्व नहीं दिया जाता था.
जब कोई राज्य चंगेज खान के सामने समर्पण करता था, तो वहां से महिलाओं को उठा लिया जाता था. सुंदर और कुलीन महिलाओं को चंगेज खान के हिस्से में डाल दिया जाता था, जबकि अन्य महिलाओं को उसके सेनानायकों में बांट दिया जाता था. ये महिलाएं उसकी पत्नियां, उपपत्नियां या रखैल बनती थीं. यह मानना कठिन नहीं है कि उनके साथ होने वाला व्यवहार आज के मानकों के अनुसार गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है.
इसे भी पढ़ें-नये साल से पहले पिकनिक के लिए रांची के आसपास छुपी ये खूबसूरत वादियां, भीड़ से दूर मिलेगा सुकून
इसे भी पढ़ें-दमघोंटू दिल्ली की हवा से जान बचाना मुश्किल! AQI 460 के पार; क्या बंद होंगे स्कूल-कॉलेज और ऑफिस ?

