Bhagalpur News : संयुक्त कृषि भवन परिसर, तिलकामांझी में दो दिवसीय किसान मेला-सह-प्रदर्शनी कार्यक्रम 2025-26 का शुभारंभ जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त सह आत्मा के उपाध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी सह परियोजना निदेशक आत्मा प्रेम शंकर प्रसाद, उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह और बिपुल जी की उपस्थिति रही.
उद्घाटन के बाद जिलाधिकारी और उप विकास आयुक्त ने मेले में लगाए गए सभी स्टॉल का निरीक्षण किया. डॉ. नवल किशोर चौधरी ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए महिला उद्यमियों और महिला किसानों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की.
उन्होंने कहा कि महिला समूहों द्वारा तैयार किए गए कृषि उत्पाद उत्साहजनक हैं और इनके लिए प्रखंड, अनुमंडल व जिला स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है.
कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन पर फोकस
जिलाधिकारी ने किसानों और महिलाओं से कृपक हित समूह और एफपीओ गठित करने का आह्वान किया, ताकि भागलपुर के विशिष्ट कृषि उत्पादों जैसे कतरनी धान, जर्दालु आम और केला का प्रसंस्करण कर व्यापक स्तर पर विपणन किया जा सके. उन्होंने बताया कि जिस तरह कैमूर के गोविंद भोग चावल को देशभर में पहचान मिली है, उसी तरह भागलपुरी कतरनी चावल को भी राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांड बनाया जा सकता है.
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पीरपैंती प्रखंड में आम प्रसंस्करण इकाई की शुरुआत होने जा रही है. कतरनी धान के क्षेत्र विस्तार के लिए राज्य सरकार द्वारा किसानों को 6,000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान दिया जा रहा है. साथ ही दुग्ध उत्पादक किसानों से उत्पादन बढ़ाने की अपील की गई, जिसे सुधा के माध्यम से खरीदा जाएगा.
इस अवसर पर आत्मा भागलपुर द्वारा संचालित देसी एवं कौशल विकास कार्यक्रम के सफल प्रतिभागियों के बीच प्रमाण-पत्रों का वितरण भी किया गया.
‘कृषि उद्यमी मेला’ के रूप में पहचान बनाने का सुझाव
उप विकास आयुक्त प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि इस मेले को “कृषि उद्यमी मेला” कहा जाना चाहिए, क्योंकि सरकार और प्रशासन का उद्देश्य पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर किसानों को उद्यमिता से जोड़ना है. उन्होंने कहा कि भागलपुर ऐतिहासिक रूप से कृषि में अग्रणी रहा है, लेकिन बेहतर पैकेजिंग और ब्रांडिंग के अभाव में उत्पाद बाजार में पीछे रह जाते हैं.
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान
उप परियोजना निदेशक प्रभात कुमार सिंह ने बताया कि मेले का मुख्य उद्देश्य कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में किसानों के लिए स्वरोजगार के अवसर पैदा करना है. उन्होंने जानकारी दी कि आत्मा भागलपुर को 7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में आयोजित 200 सस्टेनेबल एग्रीकल्चर अवॉर्ड्स 2025 में “एक्सीलेंस इन एक्सटेंशन एंड फार्मर ट्रेनिंग” श्रेणी में सम्मानित किया गया है.
इसके अलावा भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन में जीआई टैग प्राप्त भागलपुरी कतरनी चावल को वैश्विक पहचान मिली है, जिसकी जिलाधिकारी ने सराहना की.
किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण और योजनाओं की जानकारी
किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत प्राकृतिक खेती विषय पर कृषि विज्ञान केंद्र सबौर के डॉ. पवन कुमार ने कीट-रोग प्रबंधन सहित तकनीकी जानकारी दी. वहीं कृषि अभियंत्रण विशेषज्ञ पंकज कुमार ने रबी फसलों की बुआई और कृषि यंत्रों के बेहतर उपयोग पर मार्गदर्शन किया.
जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक अभिनव बिहारी ने कृषि उद्यम के लिए बैंकिंग योजनाओं की जानकारी दी. जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया, सहायक निदेशक पौधा संरक्षण सुजीत पाल सहित अन्य अधिकारियों ने विभागीय योजनाओं से किसानों को अवगत कराया.
मेले में मशरूम उत्पादन, बकरी पालन, फूलों की खेती, मधुमक्खी पालन और सब्जी उत्पादन जैसे उद्यमों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया गया. किसान परिभ्रमण कार्यक्रम के तहत प्रत्येक प्रखंड से 20-20 महिला और पुरुष किसानों ने भाग लिया. हजारों की संख्या में किसानों की भागीदारी रही.
कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के 44 प्रतिष्ठानों ने स्टॉल लगाए. जिले के 48 प्रगतिशील किसानों ने अपने विशिष्ट उत्पादों का पंजीकरण कराया है, जिन्हें 21 दिसंबर 2025 को प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे.
कार्यक्रम में अनुमंडल और प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, कृषि सखी सहित बड़ी संख्या में संबंधित कर्मी उपस्थित रहे. अंत में उप परियोजना निदेशक बिपुल जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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