Bhagalpur News: भागलपुर के कुप्पाघाट आश्रम में महर्षि मेंहीं परमहंस के शिष्य महर्षि संतसेवी की 106वीं जयंती समारोह शनिवार को मनाई गई. इस अवसर पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष डॉ प्रेम कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और उन्होंने गंगा किनारे आश्रम में कटाव और अतिक्रमण की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया.
क्या बोले डॉ प्रेम कुमार?
डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि कुप्पाघाट आश्रम गंगा के किनारे स्थित होने के कारण कटाव स्वाभाविक है. उन्होंने आश्रम प्रबंधन से कहा कि वे इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करें, जिसे जल संसाधन विभाग के मंत्री और अधिकारी के समक्ष रखकर स्थायी समाधान निकाला जाएगा. साथ ही संकरा रास्ता और अतिक्रमण जैसी समस्याओं के लिए तत्काल एसडीओ से बातचीत कर जरूरी कार्रवाई की जाएगी.
महर्षि संतसेवी का जीवन प्रेरणा का स्रोत
अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के महामंत्री दिव्य प्रकाश ने कहा कि महर्षि संतसेवी का जीवन ज्ञान और सेवा का प्रतीक है. “उनकी शिक्षाएं सिर्फ पुस्तकों में नहीं, बल्कि उनके जीवन में प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देती हैं,” उन्होंने बताया. मंच पर डॉ प्रेम कुमार के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष संतोष कुमार, पूर्व डिप्टी मेयर डॉ प्रीति शेखर और महिला प्रकोष्ठ पूर्व जिलाध्यक्ष श्वेता सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
सत्संग और प्रवचन
कार्यक्रम की शुरुआत स्तुति प्रार्थना, ग्रंथपाठ और गुरु पूजा से हुई. गुरुसेवी भगीरथ बाबा ने महर्षि संतसेवी की महिमा का बखान किया और उनके योगदान को देश-विदेश में संतमत साहित्य के प्रचार-प्रसार के रूप में रेखांकित किया. गुरुचरणसेवी प्रमोद बाबा ने कहा कि महर्षि संतसेवी सभी धर्मों के लोगों के बीच लोकप्रिय थे और उनके योगदान से सद्गुरु महर्षि मेंहीं का संदेश समाज तक पहुंच पाया. मंच का संचालन स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने किया.
जरूरतमंदों के बीच बांटे गए कंबल
आयोजन के दौरान आश्रमवासी पंकज बाबा के नेतृत्व में संतों और जरूरतमंदों के बीच कंबल और चादर वितरित किए गए. इसके साथ ही डॉ नीतू कुमारी द्वारा रचित महर्षि संतसेवी के जीवन चरित पर आधारित पुस्तक का विमोचन महासभा के पदाधिकारियों ने किया.
श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति
जयंती समारोह में भागलपुर और आसपास के जिलों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब और झारखंड से भी हजारों श्रद्धालु पहुंचे. उन्होंने महर्षि मेंहीं और महर्षि संतसेवी के समाधि स्थल पर जाकर आशीर्वाद लिया. दिनभर के कार्यक्रम में पूड़ी-सब्जी, बुंदिया और मिठाई का भंडारा हुआ, साथ ही बाहर से आए श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था भी की गई.
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