Bihar Election 2025 : बिहार की सियासत में इन दिनों हलचल तेज है. चुनाव करीब हैं और इसी बीच लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने उन्हें ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. अब सीआरपीएफ के 11 कमांडो हर वक्त उनकी सुरक्षा में रहेंगे. यह फैसला उन रिपोर्ट्स के बाद लिया गया, जिनमें तेजप्रताप पर संभावित खतरे की बात कही गई थी.
नई पार्टी के साथ बढ़ा खतरा
राजद से अलग होकर तेजप्रताप ने हाल ही में ‘जनशक्ति जनता दल’ नाम की नई पार्टी बनाई थी. वे इस बार महुआ सीट से अपनी पार्टी के प्रतीक ब्लैक बोर्ड के निशान पर चुनाव मैदान में हैं.
तेजप्रताप यादव को मिली ‘वाई प्लस’ सुरक्षा, 11 सीआरपीएफ कमांडो 24 घंटे रहेंगे तैनात. काफिले की सुरक्षा भी अब प्रोटोकॉल के तहत होगी.#TejPratapYadav #BiharElection2025 #YPlusSecurity #CRPF #BiharPolitics pic.twitter.com/lGkpk7EmpM
— HelloCities24 (@Hc24News) November 9, 2025
नई पार्टी की घोषणा के बाद तेजप्रताप लगातार चर्चा में हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में जो रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें उनके खिलाफ खतरे की आशंका जताई गई थी. इसी आधार पर केंद्र ने उन्हें ‘वाई प्लस’ सुरक्षा श्रेणी में शामिल कर दिया.
क्या होती है ‘वाई प्लस’ सुरक्षा?
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‘वाई प्लस’ श्रेणी में कुल 11 सीआरपीएफ कमांडो तैनात किए जाते हैं. इनमें पांच जवान स्थायी रूप से आवास पर, जबकि छह जवान पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) के रूप में तैनात रहते हैं. ये तीन शिफ्टों में 24 घंटे ड्यूटी करते हैं.
इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत तेजप्रताप की हर यात्रा, सभा और सार्वजनिक कार्यक्रम में सीआरपीएफ के सशस्त्र जवान मौजूद रहेंगे. उनके काफिले की सुरक्षा भी अब केंद्र के प्रोटोकॉल के तहत होगी.
“बिहार में हालात अनिश्चित हैं” – तेजप्रताप
कुछ दिन पहले तेजप्रताप ने कहा था कि “बिहार में हालात अनिश्चित हैं, कभी भी कुछ भी हो सकता है.” उन्होंने खुले मंच से केंद्र से सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी.
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि तेजप्रताप इस वक्त अपने पिता की छाया से निकलकर एक अलग पहचान बनाने की कोशिश में हैं. नई पार्टी और नए चुनाव के बीच यह सुरक्षा कवच उनके राजनीतिक सफर को और चर्चा में ला सकता है.
जिला प्रशासन को मिला निर्देश
गृह मंत्रालय के आदेश के बाद पटना जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे सीआरपीएफ के साथ मिलकर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करें.
विशेषज्ञों के मुताबिक, तेजप्रताप अब बिहार के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हो गए हैं जिन्हें केंद्रीय स्तर की सुरक्षा दी गई है.
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