MP News : कभी बीमारू राज्यों की श्रेणी में गिना जाने वाला मध्य प्रदेश आज विकास के कई पैमानों पर अग्रणी राज्यों की पंक्ति में खड़ा नजर आ रहा है. कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सिंचाई, उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन, स्वास्थ्य सेवाएं, खनन, फार्मा, नवकरणीय ऊर्जा और आधारभूत संरचनाओं के विस्तार ने प्रदेश की पहचान पूरी तरह बदल दी है. राज्य में व्यापक निवेश और योजनाबद्ध विकास ने आर्थिक और सामाजिक तस्वीर को नया आकार दिया है.
वर्ष 2025 को राज्य सरकार ने उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मनाया. अब मोहन सरकार ने वर्ष 2026 को कृषि वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प लिया है. सरकार की मंशा है कि आने वाला वर्ष प्रदेश के अन्नदाताओं की आय बढ़ाने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में निर्णायक साबित हो. इसी के साथ रक्षा उत्पादन, पर्यटन और नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में निवेशकों की बढ़ती रुचि ने प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को मजबूती दी है.
निवेश से खुले रोजगार के नए रास्ते
उद्योगों में हो रहे निवेश से रोजगार के बड़े अवसर सृजित होने की उम्मीद है. ग्वालियर में आयोजित दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों के भूमि-पूजन और लोकार्पण कार्यक्रम ने औद्योगिक गतिविधियों को नई गति दी है. इस आयोजन के माध्यम से टेक्सटाइल, नवकरणीय ऊर्जा, खनिज और फार्मा सेक्टर में निवेशकों ने रुचि दिखाई है. अब सरकार का फोकस इन प्रस्तावों को जमीन पर उतारने पर है.
राज्य सरकार 5,019 करोड़ रुपये की लागत से नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर रही है, जिससे निजी क्षेत्र में करीब दो लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे. बीते दो वर्षों में मध्य प्रदेश को कुल 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इनमें से लगभग आठ लाख करोड़ रुपये के निवेश पर काम शुरू भी हो चुका है.
औद्योगिक नीति और कनेक्टिविटी पर फोकस
सरकार की प्राथमिकता निवेशकों के अनुकूल नीतियां बनाने और कुशल युवा कार्यबल को तैयार करने पर है. अगले पांच वर्षों में प्रदेश में छह प्रमुख औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं. इनसे मालवा, बुंदेलखंड, निमाड़ और विंध्य अंचल के बीच कनेक्टिविटी मजबूत होगी, जिससे उद्योगों को गति मिलेगी.
प्रदेश में 25 लाख एकड़ से अधिक का विकसित लैंड बैंक उपलब्ध है. “विकसित भारत @2047” के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार एक करोड़ उद्यमों के पंजीकरण और एमएसएमई की स्थापना की दिशा में काम कर रही है. एमएसएमई सेक्टर से दो करोड़ रोजगार सृजन और 61,256 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य तय किया गया है.
निवेश परियोजनाओं से 1.93 लाख से अधिक रोजगार
विभिन्न विभागों की निवेश परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में कुल 1.93 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है. इसके तहत—
- उद्योग क्षेत्र: 1,10,548 करोड़ रुपये का निवेश, 1,33,357 रोजगार
- ऊर्जा क्षेत्र: 60,000 करोड़ रुपये का निवेश, 12,600 रोजगार
- नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा: 35,581 करोड़ रुपये का निवेश, 5,535 रोजगार
- खनिज क्षेत्र: 7,050 करोड़ रुपये का निवेश, 9,505 रोजगार
- एमएसएमई: 4,053 करोड़ रुपये का निवेश, 29,835 रोजगार
- पर्यटन: 386 करोड़ रुपये का निवेश, 2,700 रोजगार
- स्वास्थ्य: 40 करोड़ रुपये का निवेश, 240 रोजगार
कुल मिलाकर 2,17,658 करोड़ रुपये के निवेश से 1,93,772 रोजगार सृजित होने का अनुमान है.
मध्य प्रदेश आज केवल योजनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि निवेश, रोजगार और बुनियादी ढांचे के ठोस परिणाम दिखा रहा है. कृषि वर्ष 2026 के संकल्प के साथ राज्य सरकार का लक्ष्य है कि विकास का यह क्रम और तेज हो तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था और समाज दोनों को मजबूती मिले.
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