Purnea News : पूर्णिया में आयोजित भूमि सुधार जनकल्याण संवाद कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राजस्व और भूमि सुधार व्यवस्था में बिचौलियों, दलालों और भू-माफियाओं की भूमिका किसी भी हाल में स्वीकार नहीं की जाएगी.
उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी व्यवस्था परेशान आम जनता को केंद्र में रखकर काम करेगी.
जनकल्याण संवाद में 14 अंचलों की समस्याएं सामने आईं
पूर्णिया के प्रेक्षागृह में शुक्रवार को आयोजित जनकल्याण संवाद कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने जिले के सभी 14 अंचलों से आए भूमि विवाद से पीड़ित लोगों की बातें सुनीं. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर मामले का समाधान नियमानुसार, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से किया जाए.
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल किसी प्रकार की सुर्खियां बटोरने या भाषण देने के लिए नहीं है. इसका उद्देश्य केवल जनता की वास्तविक परेशानियों को समझना और उनका व्यावहारिक समाधान सुनिश्चित करना है.
दलालों और भूमाफियाओं पर सख्त कार्रवाई का संकेत
विजय सिन्हा ने दो टूक कहा कि राजस्व व्यवस्था में बिचौलियों, दलालों और भूमाफियाओं की संलिप्तता किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं होगी. उन्होंने यह भी कहा कि सफेदपोश बनकर भूमाफियाओं को संरक्षण देने वाले तत्वों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की योजना बनाई गई है.
उन्होंने अधिकारियों को भरोसा दिलाया कि भूमाफियाओं और जालसाजों पर प्राथमिकी दर्ज करने की स्थिति में विभाग पूरी मजबूती से अपने अधिकारियों के साथ खड़ा रहेगा.
दबाव की राजनीति को किया जाएगा खत्म
उपमुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी मंत्री, नेता या वरिष्ठ अधिकारी का नाम लेकर हल्का, अंचल या जिला स्तर पर अवांछित दबाव बनाने की प्रवृत्ति को सख्ती से रोका जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्व कर्मचारी, अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अपर समाहर्ता पर किसी भी प्रकार का अनावश्यक दबाव स्वीकार्य नहीं होगा.
यदि कहीं इस तरह का दबाव बनाने का प्रयास होता है, तो संबंधित अधिकारी को तत्काल विभाग को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं.
भूमि विवाद कम करने की दिशा में संवाद की पहल
विजय सिन्हा ने कहा कि इस जनसंवाद का उद्देश्य राजस्व और भूमि सुधार से जुड़ी मूलभूत समस्याओं को समझना है. लक्ष्य यह है कि हल्का और अंचल स्तर पर इतनी पारदर्शी व्यवस्था विकसित हो, जिससे भूमि विवाद की संभावना न्यूनतम रह जाए.
उन्होंने कहा कि यदि विवाद उत्पन्न होते भी हैं, तो उनका समाधान अंचलाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता और अपर समाहर्ता के स्तर पर समयबद्ध तरीके से हो, ताकि न्यायालयों पर अनावश्यक बोझ न पड़े.
पहले 100 दिनों में बड़े सुधार का लक्ष्य
उपमुख्यमंत्री ने भूमि सुधार को जटिल और संवेदनशील विषय बताते हुए कहा कि इसमें सुधार के लिए सोच-समझ और समय दोनों की आवश्यकता है. इसी कारण विभाग ने अपने कार्यकाल के पहले 100 दिनों में प्रमंडलवार और फिर जिलावार जनसंवाद करने का निर्णय लिया है.
उन्होंने बताया कि इस दौरान जमीनी फीडबैक के आधार पर स्पष्ट, जनोपयोगी और पारदर्शी नीतियां तैयार की जाएंगी.
दाखिल-खारिज, परिमार्जन और ई-मापी पर फोकस
पहले 100 दिनों में सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने दाखिल-खारिज, परिमार्जन और ई-मापी को प्राथमिकता दी है. दिसंबर महीने में सभी अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
अंचल स्तर पर नियम, प्रक्रिया और अधिकारों की जानकारी बैनर और पोस्टर के माध्यम से साझा करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही 9-9-6 व्यवस्था लागू की गई है, जिसके तहत सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक, सप्ताह में 6 दिन कार्य होगा.
14 जनवरी के बाद होगी क्षेत्रवार समीक्षा
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 14 जनवरी के बाद क्षेत्रवार गहन समीक्षा की जाएगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि सही लोग, चाहे वे अधिकारी-कर्मचारी हों या आम नागरिक, किसी भी स्थिति में पीड़ित नहीं होंगे. वहीं गलत करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा कि समय पर न्याय देना विभाग की प्राथमिकता है, क्योंकि न्याय में देरी भी अन्याय के समान है. दूसरे चरण में सर्वे कार्य, सरकारी भूमि का डाटाबैंक तैयार करने और अतिक्रमण की समस्या के समाधान पर विशेष ध्यान दिया जाएगा.
डीएम ने किया अतिथियों का स्वागत
कार्यक्रम में जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर विभाग के प्रधान सचिव, सचिव, आयुक्त, अपर समाहर्ता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे.
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