Rohini Acharya: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राजद की भारी हार के बाद राजनीति के सबसे बड़े परिवार में गंभीर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं. नतीजों के अगले ही दिन रोहिणी आचार्य का भावुक और तीखा बयान सामने आया, जिसने पूरे राजनीतिक माहौल को हिला दिया है. रोहिणी ने दावा किया कि पार्टी के भीतर सच बोलना अपराध बना दिया गया है और सवाल उठाने पर उन्हें अपमानित कर परिवार से बाहर कर दिया गया. उन्होंने कहा कि अब उनका परिवार में कोई नहीं है और वर्षों से जो भरोसा था, वह टूट चुका है. इधर, अब सबकी निगाहें लालू परिवार की प्रतिक्रिया पर है.
“जिम्मेदारी से बचने वाले लोग हमें परिवार से बाहर कर चुके हैं”
#WATCH | Patna, Bihar | Lalu Prasad Yadav and Rabri Devi's daughter Rohini Acharya says, "I have no family. You can go and ask this to Sanjay Yadav, Rameez, and Tejashwi Yadav. They are the ones who threw me out of the family. They don't want to take any responsibility… The… https://t.co/gnbGFxkn9z pic.twitter.com/rPesGCoXLG
— ANI (@ANI) November 15, 2025
रोहिणी ने आरोप लगाया कि चुनावी हार पर सवाल उठाने से वरिष्ठ नेता असहज हो गए.
उनके शब्दों में—
“मेरा कोई परिवार नहीं है. तेजस्वी, संजय और रमीज ही बताएं कि मुझे क्यों निकाला गया. ये सब इसलिए किया गया क्योंकि कोई भी अपनी गलती स्वीकारने को तैयार नहीं था. जो खुद को चाणक्य समझते हैं, उनसे कार्यकर्ता जवाब मांग रहे हैं कि पार्टी की स्थिति इस तरह कैसे बिगड़ी. लेकिन सच बोलने पर ही सबसे ज्यादा गुस्सा आता है.”
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उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर दो नाम—संजय यादव और रमीज—का ज़िक्र करते ही माहौल बिगड़ जाता है.
“अगर आप इन दोनों के बारे में बोल देंगे तो घर से निकाल दिए जाएंगे, आपको बदनाम किया जाएगा और आपके ऊपर चप्पल उठाकर भी चलाया जा सकता है.
एक पोस्ट ने बढ़ाया बवंडर, सियासत में मचा हड़कंप
शनिवार को रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक लंबा पोस्ट डालकर राजनीति से संन्यास और परिवार से दूरी बनाने का कठोर निर्णय सार्वजनिक कर दिया.
उन्होंने लिखा—
“मैं राजनीति छोड़ रही हूं. मैं परिवार से अलग हो रही हूं. संजय यादव और रमीज ने मुझे यह बात स्पष्ट रूप से कही थी. मैं इस फैसले की पूरी जिम्मेदार हूं.”
पोस्ट सामने आते ही बिहार की सियासत में हलचल बढ़ गई. राजद कार्यकर्ताओं से लेकर विपक्षी दलों तक, हर जगह रोहिणी के बयान की चर्चा छिड़ गई. हालांकि पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. राजद के शीर्ष नेतृत्व—लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव—की चुप्पी ने अटकलों को और तेज कर दिया है कि अंदरूनी हालात सामान्य नहीं हैं.
जिस बेटी ने अपने पिता का जीवन बचाया, वह आज दर्द से कराह रही है
विपक्ष ने भी इस पूरे विवाद को हाथों-हाथ लिया है. जदयू नेता नीरज कुमार ने लालू परिवार पर निशाना साधते हुए कहा—“जिस बेटी ने अपने पिता का जीवन बचाया, वह आज दर्द से कराह रही है. जिस भाई की कलाई पर उसने राखी बांधी, वही बहन आज पार्टी और परिवार दोनों छोड़कर जा रही है. यह सिर्फ परिवार का संकट नहीं है, यह नेतृत्व का संकट है।”
उन्होंने आगे कहा—
“लालू यादव सब जानते हुए भी चुप हैं. राजनीति के धृतराष्ट्र बन गए हैं. अगर घर के मुखिया अपनी भूमिका नहीं निभाते, तो गलतियों के अपराधी वही बनते हैं. राजनीति पहले टूट चुकी है, अब परिवार भी टूटने की कगार पर है. इसलिए लालू यादव को जागना होगा.”
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