ISIS Fighter Arrested : पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद को पनाह देने के आरोपों में घिर गया है. अफगान सुरक्षा बलों ने एक ऐसे आईएसआईएस आतंकी को गिरफ्तार किया है जिसने पूछताछ के दौरान और कैमरे के सामने यह स्वीकार किया कि उसे पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया था और अफगानिस्तान में आतंकी हमला करने के लिए भेजा गया था. पकड़े गए आतंकी की पहचान सईदुल्लाह के रूप में हुई है.
अफगान सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, यह गिरफ्तारी अफगानिस्तान के तौरखम बॉर्डर के पास हुई, जब सईदुल्लाह नकली पहचान पत्र के सहारे सीमा पार कर रहा था. बाद में जारी एक वीडियो में उसने खुलकर बताया कि उसने पाकिस्तान में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी और वैचारिक रूप से ब्रेनवॉश किया गया था.
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⚡️Afghan outlet Al-Mirsaad:
— Warfare Analysis (@warfareanalysis) October 29, 2025
A captured Pakistani member of the terrorist group ISIS-K confessed, revealing details about the group’s training centers and operational activities in Pakistan. pic.twitter.com/5JiTNoeh2y
पेशावर के मदरसे में ली आतंक की शिक्षा
सईदुल्लाह ने अपने बयान में कहा कि वह पेशावर में तबलीगी सेंटर के पास स्थित एक मदरसे में पढ़ता था, जो लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ था. वहीं से उसके दिमाग में कट्टरपंथ का ज़हर भरा गया.
उसने बताया कि उसामा नाम के व्यक्ति ने उसे धार्मिक शिक्षा के नाम पर वैचारिक रूप से प्रभावित किया, जबकि क्वेटा (बलूचिस्तान) के पहाड़ी इलाकों में उसे हथियार चलाने और लड़ाई की ट्रेनिंग दी गई.
‘नुसरत’ नाम के व्यक्ति ने ISIS में शामिल कराया
सईदुल्लाह के अनुसार, प्रशिक्षण खत्म होने के बाद वह कुछ समय के लिए पेशावर लौटा, लेकिन कुछ महीनों बाद नुसरत नामक एक व्यक्ति उससे मिला और उसे अफगानिस्तान में आईएसआईएस की शाखा से जुड़ने का प्रस्ताव दिया.
जब उसने पहले इनकार किया, तो नुसरत ने उसके लिए एक नकली अफगान तजकीरा (पहचान पत्र) बनवाया और उसे शरणार्थी बताकर अफगानिस्तान भेज दिया.
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नकली ID के सहारे सीमा पार की
सईदुल्लाह ने बताया, “मुझे नुसरत ने कहा कि अफगानिस्तान जाओ, वहां हमारे लोग तुम्हारा इंतज़ार कर रहे हैं. मैंने नकली तजकीरा लेकर तौरखम के रास्ते सीमा पार की और जलालाबाद पहुंच गया.”
वहां पहुंचने के बाद उसे कुछ नकाबपोश लोगों के हवाले कर दिया गया, जिन्होंने कहा, ‘यह हमारा भाई है, पाकिस्तान से आया है.’
20 विदेशी लड़ाकों के साथ काम करता था
गिरफ्तार आतंकी ने यह भी बताया कि अफगानिस्तान में उसने लगभग 20 विदेशी लड़ाकों के साथ मिलकर काम किया. ये सभी आईएसआईएस की स्थानीय शाखा के सदस्य थे और विभिन्न इलाकों में हमले की योजना बना रहे थे.
हालांकि, बाद में सईदुल्लाह ने अपने कृत्यों पर पछतावा जताया और तालिबान के इस्लामी अमीरात के प्रति वफादारी की शपथ ली.
वीडियो बयान में किए अहम खुलासे
अफगान न्यूज चैनल तोलो न्यूज द्वारा साझा किए गए वीडियो में सईदुल्लाह ने न केवल अपनी पहचान उजागर की बल्कि पाकिस्तान में मौजूद उन व्यक्तियों के नाम भी बताए जो उसे आतंक के रास्ते पर ले गए. उसने कहा कि प्रशिक्षण शिविरों में नियमित रूप से हथियारों का अभ्यास कराया जाता था और कट्टरपंथी विचारधारा सिखाई जाती थी.
फिर उजागर हुआ पाकिस्तान का आतंक नेटवर्क
इस गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर सक्रिय आईएसआईएस लड़ाकों की गिरफ्तारियां इस बात का प्रमाण हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को एक रणनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.
अफगान सैन्य विश्लेषक यूसुफ अमीन जजई ने कहा, “पूरे विश्वास से कहा जा सकता है कि अफगानिस्तान आतंकवाद का केंद्र नहीं है. यह सब कुछ सीमा पार से संचालित हो रहा है.”
राजनीतिक विश्लेषकों ने भी साधा निशाना
राजनीतिक विश्लेषक नकीबुल्लाह नूरी ने कहा कि पाकिस्तान के दावे झूठे साबित हो चुके हैं. उन्होंने कहा, “अब यह पूरी तरह साफ है कि आतंकवादी गतिविधियों का असली केंद्र पाकिस्तान है और वहां की सरकार इस नेटवर्क को नजरअंदाज करती है या मौन समर्थन देती है.”
पहले भी मिल चुके हैं ठोस सबूत
यह कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की संलिप्तता सामने आई हो. इसी साल जनवरी में अफगानिस्तान की सेंट्रल कमीशन फॉर सिक्योरिटी एंड क्लीयरेंस ने रिपोर्ट जारी कर बताया था कि नए भर्ती किए गए आईएसआईएस आतंकियों को कराची और इस्लामाबाद एयरपोर्ट्स से उठाकर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा के कबायली इलाकों में स्थित कैंपों में भेजा जा रहा है.
वहां उन्हें क्षेत्रीय देशों, खासकर अफगानिस्तान में हमले करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है.
क्षेत्रीय अस्थिरता पर मंडरा रहा खतरा
सईदुल्लाह की गिरफ्तारी और उसका ऑन-कैमरा कबूलनामा एक बार फिर इस क्षेत्र में पाकिस्तान की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक पाकिस्तान इन आतंकी ढांचों पर सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक अफगानिस्तान और आसपास के क्षेत्र में शांति बहाल होना मुश्किल है.
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