Bihar Panchayat Election 2026: बिहार में पंचायत चुनाव 2026 को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि आगामी चुनाव समय से पहले दिसंबर 2026 तक संपन्न होंगे. आयोग ने कहा कि वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही मतदान कराया जाएगा और सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रांतियों पर ध्यान न देने की अपील की.
कार्यकाल का समय और चुनाव की संवैधानिक आवश्यकता
पिछला पंचायत चुनाव अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच संपन्न हुआ था और नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों ने दिसंबर 2021 के अंतिम सप्ताह या जनवरी 2022 के पहले सप्ताह में शपथ ग्रहण की थी. आयोग के अनुसार इस आधार पर यह आवश्यक है कि 2026 का चुनाव भी समय पर आयोजित किया जाए, ताकि पंचायत व्यवस्था में किसी तरह का व्यवधान न आए.
मल्टी पोस्ट ईवीएम से मतदान
आयोग ने बताया कि पंचायत चुनाव 2026 में सभी पद—ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, ग्राम कचहरी सरपंच और पंच—के लिए मतदान मल्टी पोस्ट ईवीएम के माध्यम से होगा. राज्य सरकार ने इसके लिए नीतिगत निर्णय पहले ही ले लिए हैं. आयोग ने कहा कि यह कदम चुनाव प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए उठाया गया है.
परिसीमन और आरक्षण का आधार
निर्वाचित पदों की संख्या और आरक्षण के संबंध में आयोग ने स्पष्ट किया कि बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 के अनुसार निर्वाचन क्षेत्रों और पदों का निर्धारण 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा. 2021 की जनगणना अभी उपलब्ध नहीं होने के कारण नए परिसीमन की आवश्यकता नहीं है. इस बार भी पुराने आंकड़ों के आधार पर ही पंचायतों और पदों का निर्धारण किया जाएगा.
2026 चुनाव से पहले आरक्षण तय होगा
आगामी चुनाव से पहले सभी पंचायत और ग्राम कचहरी पदों का आरक्षण निश्चित किया जाएगा. इसमें मुखिया, सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य और ग्राम कचहरी सरपंच-पंच शामिल हैं. आयोग ने बताया कि कानून के अनुसार दो लगातार चुनावों के बाद ही आरक्षण में बदलाव होता है. पिछली बार वर्ष 2016 के आधार पर आरक्षण हुआ था, जिसके आधार पर 2016 और 2021 के चुनाव संपन्न हुए. 2026 चुनाव से पहले नया आरक्षण समय पर लागू किया जाएगा और इसका आधार भी 2011 की जनगणना ही होगी.
तकनीकी नवाचार और सुरक्षा उपाय
पंचायत चुनाव 2026 में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए तकनीकी नवाचार किए जाएंगे. मतदाता पहचान प्रणाली आईटी आधारित होगी और मतदान केंद्रों पर शत-प्रतिशत वेबकास्टिंग की जाएगी. ईवीएम को सुरक्षित स्ट्रांग रूम में रखा जाएगा और निगरानी तकनीक के माध्यम से इसके संरक्षण को सुनिश्चित किया जाएगा. मतगणना के दौरान ईवीएम में दिखाई गए आंकड़े OCR तकनीक से दर्ज किए जाएंगे.
राज्य निर्वाचन आयोग ने दोहराया कि पंचायत चुनाव 2026 को लेकर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें. चुनाव, आरक्षण और तकनीकी व्यवस्थाएं तीनों मोर्चों पर समय से और कानून के अनुसार पूरी तैयारी के साथ लागू की जाएंगी.
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