Bihar News: कैमूर पहाड़ी के दुर्गम इलाकों में बसे रोहतासगढ़ पंचायत के गांवों को जल्द ही सोन नदी का पानी मिलने की उम्मीद जगी है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ओर से पहाड़ी तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है. हाल के दिनों में कुशडिहरा गांव के पास सोन नदी तट पर स्थल निरीक्षण किया गया, जहां से पानी को पहाड़ी तक ले जाने की संभावनाएं तलाशी गईं.
पीएचइडी के सहायक अभियंता कुमार उमेश सिंह ने निरीक्षण के दौरान बताया कि सोन नदी की तराई में पांच अलग-अलग कुओं का निर्माण प्रस्तावित है. इन कुओं में मोटर लगाकर पानी को ऊपर पहाड़ी क्षेत्र तक पहुंचाया जाएगा. योजना के तहत नदी से पानी उठाकर ऊंचाई तक सप्लाई की व्यवस्था की जाएगी.
चौरासन मंदिर के पास जल संग्रह की व्यवस्था
योजना के अनुसार पहाड़ी क्षेत्र में चौरासन मंदिर के समीप एक बड़ी पानी टंकी बनाई जाएगी. इसी टंकी से आसपास के गांवों में पाइपलाइन के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाएगी. सोन नदी से पहाड़ी तक करीब सात किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने की तैयारी है. पूरी योजना पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है. फिलहाल विभाग डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया में जुटा है, जिसे स्वीकृति के लिए सरकार को भेजा जाएगा.
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योजना के मुख्य बिंदु
- सोन नदी की तराई में पांच कुओं का निर्माण
- प्रत्येक कुएं में मोटर लगाने की व्यवस्था
- पानी को अपलिफ्ट कर पहाड़ी तक पहुंचाया जाएगा
- सात किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछेगी
- चौरासन मंदिर के पास टंकी का निर्माण
- डीपीआर के बाद शुरू होगा कार्य
- जल संकट से मिलेगी स्थायी राहत
कैमूर पहाड़ी के वनवासी क्षेत्रों में गर्मी के दिनों में पानी की भारी किल्लत रहती है. हालात ऐसे हो जाते हैं कि लोगों को पशुओं के साथ पहाड़ी छोड़ नीचे उतरना पड़ता है. बरसात आने पर ही वे अपने गांव लौट पाते हैं. इस योजना के पूरा होने पर सालभर शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा और पलायन की मजबूरी खत्म हो जाएगी. स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मानना है कि इससे वनवासी समाज का जीवन स्तर बेहतर होगा.
तीन सदस्यीय टीम कर रही है निरीक्षण
रोहतास प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुशंसा पर अनुमंडल पदाधिकारी डेहरी ने इस योजना की रूपरेखा तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. इसमें पीएचइडी अभियंता कुमार उमेश सिंह, रोहतास के कनीय अभियंता अबू बकर और नौहट्टा के कनीय अभियंता रवि रंजन कुमार शामिल हैं. टीम ने सोन नदी किनारे आजादी से पूर्व बने पुराने कुओं का भी मुआयना किया है. उपयोगी पाए जाने पर उन्हें योजना से जोड़ा जाएगा.
इन गांवों को होगा सीधा लाभ
योजना के धरातल पर उतरने के बाद रोहतास पंचायत के बभन तालाब, नागा टोली, बड़का बुधवा, चाकडीह, कछुअर, धंसा, छोटका बुधवा, बलुआही, रेडिया, कपरफुटी, लुक्का, पहरू, नकटी, भवनवा, करपा समेत आसपास के गांवों की करीब 10 हजार आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सकेगा.
स्थानीय लोगों की उम्मीदें
रोहतासगढ़ पंचायत के सरपंच पटेल साह का कहना है कि यह योजना क्षेत्र के लिए नई उम्मीद लेकर आई है. वहीं पूर्व मुखिया मोती उरांव ने बताया कि पहाड़ी इलाकों की सबसे बड़ी समस्या पानी की है. अगर यह योजना सफल होती है तो आने वाली पीढ़ियों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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