Japanese Diet : आजकल की तेज़ जीवनशैली और खान-पान की आदतों के कारण लोग जल्दी थक जाते हैं. 30 या 40 साल की उम्र तक कमर, घुटनों और शरीर में दर्द की शिकायत आम हो जाती है. हल्की सी दौड़ या टहलना भी थकावट ला देता है. वजन कम करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में कई लोग सोचते हैं कि 60 साल की उम्र के बाद उनका स्वास्थ्य कैसा रहेगा. जापानी लोग सौ साल की उम्र तक सक्रिय और स्वस्थ रहते हैं. इसका रहस्य उनकी लाइफस्टाइल और खाने की आदतों में छुपा है.
पौष्टिक और संतुलित भोजन
जापानी लोग अपनी डाइट में पौष्टिकता और हल्कापन बनाए रखते हैं. उनके भोजन में ताजी सब्जियां, सी-फूड और मौसमी फल शामिल होते हैं. मसाले और नमक बहुत कम इस्तेमाल किए जाते हैं. हल्का और संतुलित खाना उनके स्वास्थ्य और ऊर्जा का मुख्य आधार है. वे ‘हारा हाची बू’ तकनीक का पालन करते हैं, जिससे लंबे समय तक सक्रिय रहना संभव होता है.
‘हारा हाची बू’ तकनीक
‘हारा हाची बू’ का अर्थ है खाना तब तक खाना जब तक पेट लगभग 80 प्रतिशत भरा हो. 20 प्रतिशत जगह खाली रहनी चाहिए. इसका मतलब है कि न ज्यादा खाया जाए और न कम. इस तकनीक का पालन करने वाले अपने शरीर को उतना ही भोजन देते हैं जितना आराम से पचा सके. इससे पेट भारी नहीं होता और पाचन तंत्र मजबूत रहता है.
बचपन से आदत डालना
जापानी माताएं अपने बच्चों को बचपन से ही सीमित मात्रा में खाना खाने की आदत डालती हैं. यह आदत पाचन प्रणाली को मजबूत रखती है और पेट को स्वस्थ बनाए रखती है. जापान के कई हिस्सों में बच्चे, युवा और बुजुर्ग भी इस तकनीक का पालन करते हैं. यह आलस्य को रोकती है और पूरे दिन शरीर को ऊर्जावान बनाती है.
लंबी उम्र में योगदान
ओकिनावा के लोग, जिन्होंने 100 साल से अधिक उम्र जी है, अपनी लंबी उम्र का श्रेय हारा हाची बू को देते हैं. अमेरिकन जर्नल ऑफ लाइफस्टाइल मेडिसिन की 2016 स्टडी बताती है कि आवश्यकता से अधिक खाने से बचने पर कोशिकाओं की सेहत बनी रहती है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है.
वजन और स्वास्थ्य पर लाभ

हारा हाची बू खाने की आदत भूख और अधिक खाने की इच्छा को नियंत्रित करती है. पेट को 20 प्रतिशत खाली रखने से वजन बढ़ने का खतरा कम होता है. यह भूख को संतुलित करती है और पेट भरा हुआ महसूस कराती है. जर्नल ऑफ ईटिंग डिसऑर्डर्स में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यह ब्लड शुगर संतुलित रखती है, शरीर में सूजन को नियंत्रित करती है और दिल की बीमारी का जोखिम घटाती है.
डॉक्टरी सलाह और सक्रिय जीवन
डॉ. तरंग के अनुसार, यह तकनीक वजन नियंत्रित रखने और पाचन को बेहतर बनाने में मदद करती है. जापानी लोग इसके पालन से पूरे दिन सक्रिय और ऊर्जावान रहते हैं. हारा हाची बू तकनीक उन्हें आलस्य से बचाती है और शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ बनाए रखती है.
सदियों पुरानी परंपरा
जापान में यह प्रिंसिपल पीढ़ी दर पीढ़ी चला आ रहा है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक इसे अपनाते हैं. 90 साल से ऊपर के लोग भी इस तकनीक का पालन करते हैं. इसका असर लंबी उम्र, बेहतर पाचन और ऊर्जावान जीवन पर दिखाई देता है. हारा हाची बू तकनीक जापानियों को सौ साल की उम्र तक सक्रिय और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है.
Disclaimer: इस रिपोर्ट में दी गई स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से हैं. यह जानकारी उपलब्ध शोध, अध्ययनों और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. किसी भी उपाय या पद्धति को अपनाने से पहले उसकी पूरी जानकारी लें और अपने चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य करें.
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