Delhi Metro Golden Line: राजधानी दिल्ली के दक्षिणी इलाकों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार होने जा रहा है. दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने फेज-IV विस्तार योजना के तहत लाजपत नगर से साकेत जी-ब्लॉक के बीच प्रस्तावित गोल्डन लाइन (लाइन-11) के निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी है. यह नया कॉरिडोर उन इलाकों को मेट्रो से जोड़ेगा, जहां अब तक कनेक्टिविटी सीमित रही है.
भूमिपूजन के साथ सिविल कार्य की शुरुआत
गोल्डन लाइन के निर्माण की औपचारिक शुरुआत साकेत स्थित पुष्पा भवन के पास प्रतीकात्मक भूमिपूजन और पहले ‘टेस्ट पाइल’ के साथ की गई. इसके साथ ही मेट्रो इंजीनियरों ने इस कॉरिडोर पर सिविल निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. डीएमआरसी फेज-IV के प्राथमिक कॉरिडोरों के बाद अब इस महत्वपूर्ण मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रहा है.

पूरी तरह एलिवेटेड होगा कॉरिडोर
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि यह परियोजना दक्षिण दिल्ली के लाखों यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित होगी. यह कॉरिडोर कई घनी आबादी वाले इलाकों को जोड़ते हुए मौजूदा मेट्रो नेटवर्क के साथ सहज एकीकरण करेगा. उन्होंने कहा कि करीब आठ स्टेशनों वाला यह मार्ग पूरी तरह एलिवेटेड होगा.
इन इलाकों से होकर गुजरेगी गोल्डन लाइन
गोल्डन लाइन के तहत प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन इस प्रकार हैं—
- लाजपत नगर
- एंड्रूज गंज
- ग्रेटर कैलाश-1
- चिराग दिल्ली
- पुष्पा भवन
- साकेत डिस्ट्रिक्ट सेंटर
- पुष्प विहार
- साकेत जी-ब्लॉक
दक्षिण दिल्ली की ‘रीढ़’ बनेगी यह लाइन
अनुज दयाल ने कहा कि गोल्डन लाइन को दक्षिण दिल्ली की रीढ़ कहा जा सकता है. इन क्षेत्रों में न केवल घनी रिहायशी आबादी है, बल्कि कई प्रमुख स्कूल, सरकारी कार्यालय और व्यावसायिक केंद्र भी स्थित हैं. इस लाइन के शुरू होने से सुबह-शाम सड़कों पर यातायात का दबाव कम होने की उम्मीद है.

तीन लाइनों से जुड़ेगा लाजपत नगर
उन्होंने बताया कि यह नई लाइन चिराग दिल्ली स्टेशन पर मैजेंटा लाइन से जुड़ेगी, जबकि लाजपत नगर पर वायलेट लाइन और पिंक लाइन से इंटरचेंज मिलेगा. इसके बाद लाजपत नगर दिल्ली का एक प्रमुख ट्रिपल इंटरचेंज स्टेशन बन जाएगा, जो भविष्य में दक्षिण दिल्ली का बड़ा यातायात केंद्र साबित हो सकता है.
कनेक्टिविटी के साथ पर्यावरण पर भी फोकस
डीएमआरसी के अनुसार, मेट्रो विस्तार का उद्देश्य केवल कनेक्टिविटी बढ़ाना नहीं है, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और यात्रियों की सुविधा को भी प्राथमिकता देना है. इसी सोच के चलते दिल्ली मेट्रो देश में सार्वजनिक परिवहन का मजबूत उदाहरण बन चुकी है.
फेज-IV में अन्य कॉरिडोरों पर भी काम जारी
फेज-IV विस्तार के तहत इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ और रिठाला से नरेला के बीच प्रस्तावित कॉरिडोरों पर भी निविदा और पूर्व-निर्माण गतिविधियां चल रही हैं. इन नए मार्गों के शुरू होने से राजधानी में प्रतिदिन यात्रा करने वाले 50 लाख से अधिक यात्रियों का दबाव विभाजित होगा और निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी.
यातायात के बोझ से मिलेगी राहत
गौरतलब है कि 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद से दिल्ली मेट्रो लगातार अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है. तेजी से बढ़ती आबादी और ट्रैफिक के दबाव के बीच गोल्डन लाइन जैसे नए कॉरिडोर न केवल आवागमन को आसान बनाएंगे, बल्कि शहर को कुछ हद तक सुकून भी देंगे.
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