Food safety India : देश में अंडों को लेकर फैली कैंसर संबंधी अफवाहों के बीच, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने स्पष्ट किया है कि भारत में उपलब्ध अंडे पूरी तरह सुरक्षित हैं. नियामक ने कहा कि अंडों में कैंसर पैदा करने वाले रसायन होने के दावे वैज्ञानिक आधारहीन हैं और जनता में अनावश्यक डर पैदा कर सकते हैं.
नाइट्रोफ्यूरान पर FSSAI का रुख
FSSAI ने बताया कि पोल्ट्री और अंडों के उत्पादन में नाइट्रोफ्यूरान का इस्तेमाल सख्त रूप से प्रतिबंधित है. नियामक ने यह भी स्पष्ट किया कि 1 माइक्रोग्राम प्रति किलोग्राम की अधिकतम अवशेष सीमा (EMRL) केवल निगरानी और परीक्षण के उद्देश्य से तय की गई है, इसका मतलब यह नहीं है कि इसका उपयोग सुरक्षित या अनुमत है.
स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं
अधिकारियों ने कहा कि EMRL से कम मात्रा में ट्रेस अवशेष पाए जाने पर न तो यह खाद्य सुरक्षा का उल्लंघन है और न ही इससे किसी प्रकार का स्वास्थ्य खतरा उत्पन्न होता है. FSSAI ने यह भी बताया कि भारत का निगरानी ढांचा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है और यूरोप या अमेरिका में भी इसी तरह की निगरानी प्रणाली अपनाई जाती है.
वैज्ञानिक सबूतों से पुष्टि
FSSAI ने साफ किया कि ट्रेस लेवल के नाइट्रोफ्यूरान मेटाबोलाइट्स का मानव स्वास्थ्य पर कोई प्रमाणित नकारात्मक असर नहीं है. किसी भी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन ने अंडों के नियमित सेवन को कैंसर से नहीं जोड़ा है.
अलग-अलग रिपोर्ट्स
नियामक ने बताया कि कुछ लैब रिपोर्ट्स में पाई गई असामान्यताएं अक्सर बैच या फीड से जुड़ी होती हैं और पूरे देश की सप्लाई श्रृंखला को नहीं दर्शाती हैं. FSSAI ने उपभोक्ताओं से आग्रह किया कि वे आधिकारिक और वैज्ञानिक रूप से पुष्टि किए गए स्रोतों पर भरोसा करें. नियामक ने दोहराया कि नियमों के अनुसार उत्पादित अंडे सुरक्षित और पोषणपूर्ण आहार का हिस्सा हैं.
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