Indigo Flight : इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के बोर्ड ने उड़ानों में बढ़ते संकट के बीच क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप (सीएमजी) का गठन किया है, जो हालात पर लगातार नजर रखने के लिए नियमित बैठक कर रहा है. प्रबंधन की ओर से बताया गया कि यात्रियों को हो रही परेशानियों के समाधान और रिफंड प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं.
एयरलाइन की तरफ से कहा गया कि संकट के इस दौर में प्राथमिकता यात्रियों के हित और सुचारू संचालन को बहाल करना है.
सीईओ–सीओओ को नोटिस, डीसीए का सख्त रुख
एक दिन पहले इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ इसिड्रो पोरकेरस को नागर विमानन विभाग (डीसीए) ने नोटिस जारी किया था. बड़े पैमाने पर उड़ानों में बाधा आने और समय से संचालन न होने के मामले में डीसीए ने 24 घंटे में विस्तृत स्पष्टीकरण मांगा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे कठोर कार्रवाई की जाएगी.
एयरलाइन ने बताया कि इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो) के निदेशक मंडल की बैठक ठीक उसी दिन आयोजित की गई थी जब उड़ानों के रद्द होने की समस्या सामने आई और उसके बाद आपात रूप से समीक्षा शुरू की गई. प्रबंधन के अनुसार संचालन बाधित करने वाले कारकों को प्राथमिकता पर चिन्हित करके सुधार किया जा रहा है.
मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट पर उड़ानों की बड़ी संख्या रद्द
संचालन संबंधी चुनौतियों और तकनीकी व्यवधान के चलते रविवार को इंडिगो ने दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर कुल 220 से अधिक उड़ानें रद्द कीं. सूत्रों के अनुसार मुंबई में कम से कम 112 जबकि दिल्ली में 109 उड़ानें रद्द हो गईं, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएं बिगड़ गईं. कई उड़ानें घंटों विलंब से चलीं, यात्रियों को एयरपोर्ट पर फंसा रहना पड़ा और होटल व टिकट बदलवाने में अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ा.
पिछले दो दिनों से उड़ानों में हो रही कटौती ने हवाई सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. शुक्रवार को पूरे देश में निर्धारित 2,300 उड़ानों में से लगभग 1,600 उड़ानें रद्द कर दी गई थीं. शनिवार को हालात में आंशिक सुधार हुआ लेकिन फिर भी करीब 800 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने का असर अगले कई दिनों तक देखने को मिल सकता है.
प्रबंधन का दावा– स्थिति में जल्द सुधार होगा
इंडिगो के अनुसार संकट को नियंत्रित करने के लिए कई टीमों को अलग-अलग संचालन क्षेत्रों में लगाया गया है. यात्रियों की शिकायतों और रिफंड मामलों का निपटारा तेजी से करने के लिए विशेष डेस्क बनाए गए हैं. एयरलाइन का दावा है कि उड़ानें रद्द होने की समस्या धीरे-धीरे घट रही है और स्थिति जल्द सामान्य करने का लक्ष्य रखा गया है.
विमानन उद्योग से जुड़े विशेषज्ञ मानते हैं कि मांग और क्षमता के बीच असंतुलन, तकनीकी आवश्यकताएँ और कर्मचारियों की तैनाती जैसे कारण इस संकट को जन्म दे सकते हैं. हालांकि, एयरलाइन ने इन कारकों पर टिप्पणी करने से परहेज किया है.
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