Aaj Ka Sona Chandi Bhav: दिल्ली के सर्राफा बाजार में लगातार कई दिनों की ऐतिहासिक तेजी के बाद अब सोने की कीमतों में ठहराव और गिरावट के संकेत साफ दिखने लगे हैं. मंगलवार को सोने के भाव में जोरदार टूट देखने को मिली और कीमत एक झटके में 1,700 रुपये नीचे आ गई. 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना अब 1,35,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है. बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बाद मुनाफावसूली का दबाव स्वाभाविक था.
चार दिन में 6,000 रुपये की तेजी, फिर करेक्शन
इससे पहले सोने की कीमतों में लगातार चार कारोबारी सत्रों तक उछाल देखने को मिला था. महज चार दिनों में सोना करीब 6,000 रुपये महंगा हो गया था. सोमवार को तो हालात ऐसे रहे कि सोने ने 4,000 रुपये की एकमुश्त छलांग लगाकर 1,37,600 रुपये प्रति 10 ग्राम का सर्वकालिक उच्च स्तर छू लिया. इतनी तेज रफ्तार के बाद बाजार में करेक्शन आना तय माना जा रहा था, जो अब सामने आ गया है.
मुनाफावसूली ने तोड़ी तेजी
बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, ऊंचे भाव पर निवेशकों और कारोबारियों ने मुनाफा निकालना शुरू कर दिया. यही वजह रही कि खरीदारी की रफ्तार धीमी पड़ गई और बिकवाली का दबाव बढ़ता चला गया. जब बड़ी संख्या में निवेशक एक साथ मुनाफावसूली करते हैं, तो कीमतों पर सीधा असर दिखता है, और मंगलवार को यही स्थिति नजर आई.
वैश्विक बाजार से नहीं मिला समर्थन
घरेलू बाजार पर अंतरराष्ट्रीय संकेतों का भी दबाव बना. विदेशी बाजारों में सोने की कीमतें 4,275 डॉलर प्रति औंस के आसपास फिसलती नजर आईं. डॉलर की चाल में उतार-चढ़ाव और वैश्विक निवेशकों की सतर्कता ने कीमती धातुओं की तेजी पर रोक लगाने का काम किया. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कमजोरी का असर भारतीय सर्राफा बाजार तक पहुंचा.
रुपये की कमजोरी बनी सहारा
हालांकि सोने की कीमतों में गिरावट तेज रही, लेकिन भारतीय रुपये की कमजोरी ने नुकसान को पूरी तरह गहराने से रोक लिया. जानकारों का कहना है कि अगर रुपया मजबूत स्थिति में होता, तो घरेलू बाजार में सोने के भाव और ज्यादा टूट सकते थे. आयात आधारित बाजार होने के कारण रुपये की चाल सोने-चांदी की कीमतों को सीधे प्रभावित करती है.
चांदी की चमक भी पड़ी फीकी
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी नरमी दर्ज की गई. स्थानीय बाजार में चांदी 1,000 रुपये टूटकर 1,98,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई. इससे पहले चांदी 1,99,500 रुपये प्रति किलो के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच चुकी थी. लगातार ऊंचे भाव के बाद चांदी में भी मुनाफावसूली का असर साफ तौर पर देखा गया.
खरमास से आभूषण बाजार पर दबाव
बाजार से जुड़े जानकारों का मानना है कि खरमास की शुरुआत के साथ भौतिक आभूषणों की मांग कमजोर पड़ सकती है. इस अवधि को पारंपरिक रूप से शुभ नहीं माना जाता, जिस कारण शादी-विवाह और आभूषण खरीदारी में सुस्ती आती है. हालांकि निवेश के लिहाज से सोना और चांदी अभी भी सुरक्षित विकल्प बने हुए हैं.
विदेशी बाजारों का ताजा हाल
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाजिर सोना पांच दिन की तेजी के बाद फिसल गया. कीमत 27.80 डॉलर यानी करीब 0.65 प्रतिशत गिरकर 4,277.42 डॉलर प्रति औंस पर आ गई. वहीं हाजिर चांदी में भी दबाव दिखा और यह 1.07 डॉलर यानी 1.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 63.02 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करती नजर आई.
आगे क्या रह सकता है रुख
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में सोने और चांदी की कीमतों की दिशा पूरी तरह वैश्विक संकेतों, डॉलर इंडेक्स, ब्याज दरों और निवेशकों की रणनीति पर निर्भर करेगी. तेज उतार-चढ़ाव के इस दौर में जल्दबाजी के बजाय सतर्कता के साथ निवेश फैसले लेने की जरूरत है.
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