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Wednesday, November 26, 2025
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Secret Of a Happy Married Life: शादीशुदा महिलाओं के लिए वास्तु के अनमोल सूत्र; रिश्ते में घोलेंगे प्यार और विश्वास

Secret Of a Happy Married Life: वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे खास नियम और उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और प्रेम बना रहता है.

Secret Of a Happy Married Life: विवाह को भारतीय संस्कृति में सिर्फ एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि एक पवित्र और आध्यात्मिक रिश्ता माना जाता है. एक शादीशुदा महिला का धर्म है कि वह अपने घर और परिवार में सुख-शांति बनाए रखे. वास्तु शास्त्र में कुछ ऐसे खास नियम और उपाय बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और प्रेम बना रहता है. ये उपाय न केवल भौतिक सुख प्रदान करते हैं, बल्कि आत्मिक संतुलन भी बनाते हैं.

घर के उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) को रखें स्वच्छ और पवित्र

वास्तु के अनुसार, ईशान कोण देवताओं का स्थान होता है. इस जगह पर गंदगी या भारी सामान रखने से वास्तु दोष हो सकता है, जिससे घर में तनाव और लड़ाई-झगड़े का माहौल बनता है. शादीशुदा महिलाओं को चाहिए कि वे इस जगह को साफ रखें और हर दिन यहां दीपक या अगरबत्ती जलाकर भगवान का ध्यान करें. ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार और समर्पण बढ़ता है.

सिंदूर और मंगलसूत्र जरूर धारण करें

धर्म और वास्तु दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि विवाहित महिलाओं को रोज़ाना सिंदूर और मंगलसूत्र पहनना चाहिए. ये केवल पति की लंबी उम्र का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि इनसे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है. ये चीजें गृहस्थ जीवन में स्थिरता और शुभता बनाए रखने में मदद करती हैं.

दक्षिण-पश्चिम दिशा में हो पति-पत्नी का शयनकक्ष

वास्तु शास्त्र कहता है कि शादीशुदा जोड़े का बेडरूम हमेशा दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए. यह दिशा स्थिरता और विश्वास को दर्शाती है. इस दिशा में शयनकक्ष होने से पति-पत्नी के रिश्ते में गहराई, भरोसा और भावनात्मक जुड़ाव बढ़ता है. अगर ऐसा संभव न हो, तो अपने बेडरूम में प्रेम और सुख दर्शाने वाली तस्वीरें लगाएं.

रोजाना करें तुलसी का पूजन

तुलसी माता को सुख-समृद्धि और वैवाहिक सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. विवाहित महिलाओं को हर सुबह तुलसी के सामने दीपक जलाना चाहिए और “ॐ तुलस्यै नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए. इससे गृहस्थ जीवन में मधुरता और शुभता बनी रहती है.

रसोईघर में पहली रोटी गौ माता के लिए बनाएं

भारतीय संस्कृति में गौ सेवा और दान-धर्म को बहुत महत्व दिया गया है. रसोई में पहली रोटी गौ माता के लिए और आखिरी रोटी कुत्ते के लिए बनाने से घर में कलह शांत होती है. जब यह काम विवाहित महिला करती है, तो इसका शुभ प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है.

वास्तु शास्त्र सिर्फ दिशाओं और नियमों की बात नहीं करता, यह जीवन में आध्यात्मिक अनुशासन और प्रेम को स्थापित करने का भी मार्ग है. अगर इन नियमों का श्रद्धा और विश्वास के साथ पालन किया जाए, तो वैवाहिक जीवन में न केवल सुख-शांति आती है, बल्कि ईश्वर की कृपा भी हमेशा बनी रहती है.

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